Table of Contents: Fajar Ki Namaz Ki Fazilat
बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम आज के पोस्ट में हम Fajar Ki Namaz Ki Fazilat और फायदे जानेंगे और फजर की नमाज़ पांचो वक़्त की नमाज़ में सबसे ज्यादा फ़ज़ीलत भरा क्यों है?
आज की यह थकी हारी जिंदगी के सिलसिले में इस बात का कहना भी बड़ा अहम हो गया है की हदीस पाक में तो यहां तक लिखा है,
कि इशा की नमाज के बाद बात करना महकरू (मना) है हमारे नबी ( सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ) इशा के बाद बातचीत करने को नापसंद करते थे |
रात को जल्दी सो जाए करे और सुबह फजर से पहले उठके तहज्जुद की नमाज़ पढ़ने की कोशिश करे अगर आपसे ये ना हो पाए तो Fajar Ki Namaz मस्जिद में जमात से पढ़े।
पांचों नमाज में सबसे ज्यादा अहमियत फज्र की नमाज की है मैं आज आपके सामने 6 फजर की नमाज के फायदे और अहमियत बताऊंगा |
हदीस में लिखा है कि इशा की नमाज और फजर की नमाज की फजीलत अगर आपको पता चल जाये कि इसमें क्या अजर मिलेगा,
तो दोस्तों लोग घसीट कर आएंगे, अगर वो पैदल चल के ना सके तो किसी सहारे के आएंगे और नमाज़ पढ़ेंगे।
मैं आज आपके सामने इंशाल्लाह 6 फजर की नमाज के फायदे के बारे में जिक्र करूंगा |
फजर की नमाज पढ़ने वाला अल्लाह की हिफाजत में हो जाता है वह अब जाहिर सी बात है,
जो बंदा अल्लाह की हिफाजत में आ गया दुनिया की कोई सी ताकत उसको नुकसान नहीं पहुंचा सकती है|
फजर की नमाज का वक्त वो होता है जिसमें फरिश्ते हाजिर होते हैं और अल्लाह के दरबार में हमारी गवाही देते हैं कि हम अल्लाह ताला आपके बंदों के पास से आ रहे थे।
Rizq or Karobaar Me Khairo Barkat: Fayda Number 1
अल्लाह के नबी ( सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ) ने फ़रमाया:
जिस शख्स में फजर की नमाज जमात के साथ अदा की मनो उसने अपने कामों की और अपने रिस्क की जिम्मेदारी अपने अल्लाह रब्बुल इज्जत को सौंप दी,
यानी जो फजर की नमाज बा-जमात पढता है तो अब उसके हर काम में अल्लाह रब्बुल इज्जत साथ रहेंगे और उसके हर मुश्किल में अल्लाह उसके साथ रहेंगे,
और उसके हर परेशानी में हर दुख में अल्लाह उसके साथ रहेंगे और उसके हर बुरे वक्त में अल्लाह रब्बुल इज्जत उसके साथ रहेंगे।
Akhirat Mein Kaamil Noor Ki Bashaarat: Fayda Number 2
अल्लाह के नबी ( सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ) का फरमान है कि कयामत के दिन जहां अंधेरे होंगे वहां पर कामिल नूर मिलेगा उन लोगों को जो अँधेरे में मस्जिद को जाते थे,
हम मगरिब में इशा में और फजर में अगर पाबंदी से मस्जिदों को जाएंगे तो आखिरत में हमें कामिल नूर की बशारत होगी।
Jannat: Fayda Number 3
अल्लाह के नबी ( सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ) का फरमान है कि:
जिस शख्स ने ठंडी नमाज यानी कि फजर और असर की नमाज पढ़ ली और साथ ही साथ पांच वक्त की नमाज का पवंद भी है तो अल्लाह उसे जन्नत में दाखिल करेंगे। फजर की नमाज एमाम से पढ़ने वाला पक्के ईमान वाला,मजबूत ईमान वाला होता है।
इसलिए कि अल्लाह के नबी ( सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ) ने फरमाया मुनाफिक़ीन लोगो पर सबसे ज्यादा भारी अगर कोई नमाज है,
तो इशा की और फजर की नमाज है पता चला जिसको फजर की नमाज पढ़ने में आलस आता है वो पक्के ईमान वाला नहीं है।
Puri Raat Ibadat Ka Sawab: Fayda Number 4
अल्लाह के नबी ( सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ) का फरमान है कि:
जो शख्स इशा की नमाज जमात से पढ़े उसको आधी रात इबादत का सवाब और जो शख्स फजर की नमाज भी जमात से पढ़ ले उसको पूरी रात इबादत का सवाब मिलता है।
Duniya Ki Sabhi Cheezo Se Behtar: Fayda Number 5
अल्लाह के नबी ( सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ) ने फ़रमाया:
फजर की नमाज से पहले की दो रकात सुन्नत इस दुनिया और दुनिया के तमाम चीजों से बेहतर और अफजल है, और बहुत ज्यादा फजीलत वाली नमाज है।
इसलिए अल्लाह के नबी ( सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ) ने इरशाद फरमाया है की फजर की दो रकात सुन्नत दुनिया की तमाम चीजों से बेहतर और अफजल है।
जब सुन्नत का यह मामला है तो दोस्तों दो रकात फर्ज का कितना मामला होगा।
Reference : Riyad as-Salihin 1102
Tareef: Fayda Number 6
अल्लाह के नबी ( सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ) ने फ़रमाया:
अगर कोई शख्स फजर की नमाज बा-जमात पढता है तो अल्लाह की फरिश्ते अल्लाह से उसे शख्स की तारीफ बयान करते हैं।
जमीन से आसमान और आसमान से जमीन पर आते हैं बेशक अल्लाह रब्बुल इज्जत हर गैब की बातों को जानने वाला है,
फिर भी अल्लाह रब्बुल इज्जत फरिश्तों से पूछते हैं कि मेरे बंदे क्या कर रहे थे तो अगर हम फजर की नमाज पढ़ते हैं वह जमात के साथ पाबंदी के साथ फजर की नमाज अदा करते हैं,
तो फरिश्ते अल्लाह के सामने हमारी तारीफ करेंगे और कहेंगे कि अल्लाह तेरा बंदा तो नमाज पढ़ रहा था।
दिन की शुरुवात जब अल्लाह के जिक्र से और अल्लाह के दरबार से हाजिरी से अगर हमारे दिन की शुरुवात होगी तो खैर और बरकत कितनी हमारे घरों पर और हमारे कारोबार में और हमारे जिस्म पर हमारी सेहत पर कितना असर होगा।