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Karz Utarne Ki Dua: गम, परेशानी, और क़र्ज़ उतरने की दुआ

Karz Utarne Ki Dua: यह जो इस वक्त हालात चल रहे है इंडिया के कुछ न कुछ कर्ज़ हर इंसान पर हो गया है, प्रॉब्लम्स बहुत हो गई है जिंदगी में खास तौर पर गरीब और मिडिल क्लास लोगों की जिंदगी में। 

तो मैंने सोचा क्यों ना एक दुआ आप लोगों से शेयर कर दी जाए क़र्ज़ के मुतालिक और रुझानों के मुतालिक है ना क्योंकि दुआओं में बड़ा असर होता है।

पर इसे मुतालिक तो आप यह समझ लें कि अगर आपके देने की नियत है आप कर्जा देना चाहते हैं आपके ऊपर जो क़र्ज़ है आप उसको अदा करना चाहते हैं। 

तो इंशाल्लाह अल्लाह ताला आपके क़र्ज़ को अदा फरमा देगा कोई न कोई रास्ता जरूर बनेगा और अगर खुदा ना खास्ता आप दुनिया से चले गए और आपके ऊपर क़र्ज़ रह गया आखिरत में खुदा उसको खुदा उतार देगा। 

अच्छा ठीक है जिन लोगों की नियत होती है कि देने ही नहीं है तो उन लोगो के लिए रास्ते भी नहीं बनते देना चाहते ही नहीं है। 

आखिरत में फिर उनकी नेकिया कर्ज़दार को दी जाएंगी हां भाई वह दुआ हम सब लोग याद कर ले सुबह-शाम इस दुआ का पढ़ा करें। 

नमाज के बाद जब दुआ मांगे तो इस दुआ को पड़े सुबह-शाम इस दुआ खूब पढ़ें तकरीबन तीन से सात बार पढ़ें। 

लेकिन दिल दिल के साथ दिल की गहराई के साथ दुआ ऐसे पढ़ें जैसे अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त आपके सामने ही है और आपकी दुआ सुन रहे है। 

Karz Utarne Ki Dua का हदीस का एक वाक़िआ 

हजरत अबू सैय्यद खुदरी रिवायत करते हैं कि एक दिन रसूल्लल्लाह सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम

मस्जिद में तशरीफ लाए तो आपकी नजर एक अंसारी शख्स पर पड़ी कि आप सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम ने इरशाद फरमाया क्या बात है। 

मैं तुम्हें नमाज के वक्त के अलावा मस्जिद में अलग-थलग बैठा हुआ देख रहा हूं क्या हो गया परेशान नजर आ रहे हो ( हम लोग मस्जिद में जाएं और नमाज के टाइम के अलावा कोई इंसान बैठा हो अलग-थलग हम भी खुदा के लिए उससे पूछ लेते है ) 

लेकिन रसूल्लल्लाह सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम तो बड़ी मोहब्बत करते थे सहाबा से तो आपने पूछा मस्जिद में अलग-थलग बैठे हो क्या हुआ आदमी ने कहा: या रसूलल्लाह मुझे गमों और कर्ज़ों ने घेर रखा है आप रसूल्लल्लाह सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम ने इरशाद फरमाया क्या मैं तुम्हें एक दुआ ना खिला दूं,

जब तुम उस दुआ को पढ़ोगे तो अल्लाह ताला तुम्हारे गम दूर कर देगा और तुम्हारा फर्ज उतरवा देगा तो ( अब बताइए परेशािनयां कितनी ही ज्यादा क्यों ना हो भले नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने दुआ सिखा दी हम लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है और अब चाहे कितना भी ज्यादा परेशानी हो परेशान होने की जरूरत नहीं है अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने परेशानियों का मुकाबला करने के लिए अल्लाह की मदद हासिल करने का एक दुआ बता दिया ) 

रसूल्लल्लाह सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम इरशाद फरमाया कि अल्लाह तुम्हारे गम दूर हो जाएगंगे और तुम्हारा फर्ज उतरवा देगा तो सहाबा ने कहा रसूल्लल्लाह सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम जरूर सिखा दें यही तो मैं चाहता हूं की मेरी प्रॉब्लम्स दूर हो जाएं मेरा कर्जा उतर जाए मेरा कर्ज़ा अदा हो जाए तो जरूर से सीखा दे आप सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम ने इरशाद फरमाया सुबह-शाम यह क़र्ज़ अदा करने की दुआ पढ़ा करा करो :- 

Karz Utarne Ki Dua

क़र्ज़ अदा करने की दुआ है: अल्लाहुम्मा इन्नी अउ-जुबिका मिनल हम्मि वल हज़नि वा अऊ-जुबिका मिनल अजज़ि वल कसलि वा अऊ-जुबिका  मिनल जुबनी वल बुखली , वा अऊज़ु बिका मिन गलबा तिद्दयनी वा कहरिर रिजालि.  ❤

तर्जुमा है: या अल्लाह मैं फ़िक्र और गम से आपकी पनाह लेता हूं और मैं बेबसी और सुस्ती से आपकी पनाह लेता हूं और मैं कंजूसी और बुजदिली से आपकी पनाह लेता हूं और मैं कर्ज के बोझ में दबने से और लोगों के मेरे ऊपर दबाव से आपकी पनाह लेता हूं 

Reference : Sunan an-Nasa’i 5449

हज़रत सहाबा फरमाते हैं क्या फरमाते हैं कि मैंने सुबह और शाम इस दुआ को पढ़ा मेरे गम दूर हो गए और मेरा सारा कर्ज़ा भी अदा हो गया। 

तो मेरे भाइयों मेरी बहनों परेशािनयां कर्ज़ा प्रॉब्लम टेंशंस इस दुआ को याद कर ले सुबह और शाम इस दुआ को पढ़ें और जितने यकीन के साथ आप इस दुआ को पढ़ोगे उतना फायदा होगा इस दुआ को अपने दोस्त, परिवार, रिश्तेदार, में शेयर करो दोस्तों।

Md Ibrahim

Meri website ka asli maksad islami ilm ko aasan andaz me pesh karna taaki har shaqs ise samajh kar apani zandgi me amal kar sake. Mene kai post likhe hai Jin me Dua, Namaz, or Surah aham hai. NamazOrDua.com par mera maksad aap sab ko islamic, Quran or Hadess, or Sunnat tariko ka sahi ilm ya jankari dena. Mera yaqeen hai ki sahi ilm or jankari hame iman or nek raasto par chalne me madad karta hai.

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