- सबसे पहले वज़ू करके पाक हो जाये।
- फिर नियत करे अगर आपको नियत करना नहीं आता है तो नीचे लिखी हुई है।
- सना की दुआ पढ़े अगर आपको दुआ नहीं मालूम है तो नीचे लिखी हुई है।
- फिर आउज़ू बिल्लाहि मिनश-शैतानिर रजीम बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम पढ़े।
- फिर Surah Fatiha पढ़े। अगर आपको नहीं आती है तो नीचे लिखी हुई है।
- फिर Surah Al Ikhlas पढ़े या क़ुरान की कोई भी सूरह पढ़ सकते है।
- फिर अल्लाहू अकबर कहते हुए रुकू में चले जाये और 3 मर्तबा Subhana Rabbiyal Azeem पढ़े।
- फिर खड़े होते हुए Sami’Allahu Liman Hamidah, Rabbana wa Lakal Hamd कहे।
- फिर अल्लाहू अकबर कहते हुए सजदे में चले जाये और 3 मर्तबा Subhana Rabbiyal A’la पढ़े। फिर अल्लाहू अकबर कहते हुए बैठ जाये इसी तरह दूसरा सजदा करे।
- फिर Attahiyat पढ़े।
- फिर Darood e Ibrahim और Dua-e-Masura पढ़े और सलाम फेर दे।
ये Fajar Ki Namaz Ka Tarika का Fast Forward था Fast Forward और Shortcut के चक्कर न पड़े नीचे आपको बहुत आसान तरीके से हर Steps और दुआ तर्जुमे के साथ समझा और बताया गया है आपसे रिक्वेस्ट है पूरा पोस्ट पढ़े।
अगर आपको सलाम के बाद की दुआ नहीं पता तो आप ये वाला ब्लॉग पढ़ सकते है :- Salam Ke Baad Ki Dua
सबसे पहले हम ये जान लेते है की फजर की नमाज़ में कितनी रकअते होती है।
Table of Contents
Fajar Ki Namaz Ki Rakat: फजर की कितनी रकात होती है?
फजर की 4 रकात होती है 2 सुन्नत-ए-मुअक्कादह और 2 फर्ज।
- Fajar Namaz Ki Sunnat Rakat: सुन्नत की 2 रकअत
फजर की सुन्नत की 2 रकअत फर्ज से पहले पढ़ी जाती है। ये सुन्नत-ए-मुअक्कादह हैं,
यानी ये ऐसे अमल हैं जो रसूल अल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने हमेशा किए और हमारे लिए भी इनका करना जरूरी है।
- Fajar Namaz Ki Farj Rakat: फर्ज की 2 रकअत:
सुन्नत के बाद, फजर की 2 रकात फर्ज पढ़ी जाती हैं। ये रकात सबसे जरूरी है,
Kyuki फर्ज नमाज को छोड़ना गुनाह है। इसलिए हर मुसलमानो को चाहिए कि वो फजर की फर्ज नमाज जरूर अदा करें।
चलिए Fajar Ki Namaz Ka Tarika: 11 Easy Steps में पढ़ते है।
1. Wazu – सबसे पहले वज़ू करके पाक हो जाये
किसी भी नमाज़ से पहले मुसलमानों को वजू करना जरूरी है – Wazu Ka Tarika
हदीस में आया है:
“अबू हुरैरा से रिवायत है:
अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फरमाया, “हदस (मूत्र, मल या वायु) करने वाले व्यक्ति की नमाज़ तब तक नहीं होती जब तक वह वज़ू न करे”
2. Fajar Ki Namaz Ki Niyat: नियत करे
Fajar Ki Namaz Ki Niyat Ka Tarika: “नियत की मैंने 2 रकअत नमाज ए फजर की फर्ज वास्ते अल्लाह तआला मुँह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।”
अगर आप इमाम साहब के पीछे नमाज़ अदा कर रहे है तो आप नियत करेंगे :- नियत की मैंने 2 रकअत नमाज ए फजर की फर्ज वास्ते अल्लाह तआला पीछे इस इमाम के मुँह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
Important : अगर आप सुन्नत पढ़ रहे हो तो ऐसे ही आप नियत करेंगे बस ( नमाज ए फजर की फर्ज ) की जगह नमाज ए फजर की सुन्नत कहना है।
अगर आप ये भी ना पढ़ सके तो दिल में बस ये नियत मैं अल्लाह के लिए दो रकात फजर की नमाज अदा कर रहा हूं।
फजर की नमाज की नियत दिल में करे।
दोनों हाथों को कान के लौह तक उठाएं और अल्लाहु अकबर कह कर दोनों हाथो को बांध ले।
3. फिर आप Sana Ki Dua पढ़े : –
“सुब्हानका अल्लाहुम्मा वा बिहम्दिका वा तबारकस्मुका, वा तआला जद्दुका वा ला इलाहा गैरूक”
“Subhanka Allahumma wa-bihamdika wa-tabarkasmuka wa ta-ala jadduka wala ilaha gairuk”
Sana Ki Dua Ka Tarjuma: “ये अल्लाह हम तेरी पाकी बयान करते हैं और तेरी ही तारीफ करते हैं और तेरा नाम बहुत ही बरकत वाला है और तेरी शान बुलंद है और तेरे सिवा कोई इबादत के लायक नहीं।
4. “आउज़ू बिल्लाहि मिनश-शैतानिर रजीम बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम”
“Auzu billahi minash-shaitanir rajim bismillahhir rahmanir rahim”
5. Surah Fatiha: सूरह फातिहा पढ़े –
“अल्हम्दुलिल्लाहि या रब्बिल आलमीन
अर-रहमानिर-रहीम मलिकी यौमिद-दीन
इय्याका न’बुदु वा इय्याका नास्त’इन
इहदीनस सिरतल मुस्तकीम
सिरतल-लजीना अन’अमता
‘अलैहिम ग़ैरिल-मघदुबी
‘अलैहिम वा लद्दलिन (आमीन)”।
“Alhamdulillahi ya Rabbil Alamin
Ar-Rahmanir-Raheem Maliki Yaumid-Din
Iyyaka Na’Budu Wa Iyyaka Nast’in
Ihadinas Siratal Mustaqeem Sirtal-Lajina An’Amta
‘Alaihim Ghyeril-Magdubi ‘Alaihim WaLaddwaaaaliiin (Ameen)”
Tarjuma :
शुरू अल्लाह के नाम से, जो बड़ा मेहरबान और निहायत रहम करने वाला है।
तमाम तारीफें अल्लाह ही के लिए हैं, जो सारे जहानों का मालिक है।
वह बड़ा मेहरबान, निहायत रहम करने वाला है।
वह बदले के दिन का मालिक है।
(हे अल्लाह) हम तेरी ही इबादत करते हैं और तुझी से मदद मांगते हैं।
हमें सीधे रास्ते पर चला।
उन लोगों के रास्ते, जिन पर तूने रहम किया, न कि उनके जिन पर तेरा ग़ज़ब हुआ और ना ही गुमराहों के (आमीन)।
5. फिर आपको Surah Al Ikhlas पढ़ना है: या क़ुरान की कोई भी सूरह पढ़ सकते है
“क़ुल हुवाल-लहु अहद अल्लाह हुस-समद लम यलिद वा लम युलद वा लाम यकुल-लहु कुफुवान अहद”
“Qul huwal-lahu ahad
Allah hus-Samad
Lam yalid wa lam yulad
Wa lam yakul-lahu kufuwan ahad”
Tarjuma:
कह दो: वह अल्लाह एक है।
अल्लाह सबसे बेनियाज़ है (हर चीज़ का सहारा)।
ना उसने किसी को जन्म दिया है, और ना उसको किसीने जन्म दिया।
और ना ही कोई उसके बराबर है।
6. Ruku:
फिर अल्लाहू अकबर कहते हुए रुकू में चले जाना है फिर 3 बार तस्बीह पढ़े : Subhana Rabbiyal Azeem, Subhana Rabbiyal Azeem, Subhana Rabbiyal Azeem
फिर खड़े होते हुए कहे Sami’Allahu Liman Hamidah अगर इमाम के पीछे नमाज़ पढ़ रहे है तो कहे Rabbana wa Lakal Hamd
7. Sajda:
फिर अल्लाहू अकबर कहते हुए सजदे में चले जाये और 3 बार Subhana Rabbiyal A’la, Subhana Rabbiyal A’la, Subhana Rabbiyal A’la पढ़े
फिर अल्लाहू अकबर कहते हुए बैठ जाये फिर दूसरा सजदा करे और 3 बार कहे Subhana Rabbiyal A’la, Subhana Rabbiyal A’la, Subhana Rabbiyal A’la फिर अल्लाहू अकबर कहते हुए खड़े हो जाये। ये आपकी 1 रकात मुकम्मल हुई ( Alhamdulillah )
अब आप दूसरी रकात के खड़े हो जाए फिर से आपको Surah Fatiha पढ़ना है
फिर से सूरह फातिहा के बाद इन में से कोई भी सूरह पढ़े Surah Al Falaq: Surah An Naas: Surah Kaafiroon: Surah Al Qadr: Surah Al Ikhlas
फिर अल्लाहू अकबर कहते हुए फिर से रुकू में चले जाना है फिर 3 बार तस्बीह पढ़े : Subhana Rabbiyal Azeem, Subhana Rabbiyal Azeem, Subhana Rabbiyal Azeem
फिर से खड़े होते हुए कहे Sami’Allahu Liman Hamidah अगर इमाम के पीछे नमाज़ पढ़ रहे है तो कहे Rabbana Wa Lakal Hamd
फिर से अल्लाहू अकबर कहते हुए सजदे में चले जाये और 3 बार Subhana Rabbiyal A’la, Subhana Rabbiyal A’la, Subhana Rabbiyal A’la पढ़े
फिर अल्लाहू अकबर कहते हुए बैठ जाये फिर दूसरा सजदा करे और 3 बार कहे Subhana Rabbiyal A’la, Subhana Rabbiyal A’la, Subhana Rabbiyal A’la फिर अल्लाहू अकबर कहते हुए बैठ जाये और
8. फिर Attahiyat पढ़े:-
“अत्तहिय्यातु लिल्लाहि वस्सलावातु वत्तय्यिबातु, अस्सलामु ‘अलयका अय्युहन-नबियु वा रहमतुल्लाहि वा बरकातुह, अस्सलामु ‘अलायना वा ‘अला इबादिल्लाहिस-सालिहीन, अशहदु अल्ला इलाहा इल्लल्लाहु वा अशहदु अन्ना मुहम्मदन अब्दुहु वा रसूलुह”।
“Attahiyyaatu lillaahi wassalawaatu wattayyibaatu,
Assalaamu ‘alayka ayyuhan-Nabiyyu wa rahmatullaahi wa barakaatuh,
Assalaamu ‘alaynaa wa ‘ala ‘ibaadillaahis-saaliheen,
Ashhadu alla ilaha illallaahu wa ashhadu anna Muhammadan ‘abduhu wa rasooluh.”
Tarjuma:
तमाम ज़ुबानी इबादतें, तमाम बदनी इबादतें और तमाम मालदार इबादतें अल्लाह के लिए हैं। ऐ नबी! आप पर सलामती हो और अल्लाह की रहमत और उसकी बरकतें।
हम पर और अल्लाह के नेक बंदों पर भी सलामती हो।
मैं गवाही देता हूँ कि अल्लाह के सिवा कोई Ibadat Ke Layak नहीं और मैं गवाही देता हूँ कि हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) उसके बंदे और रसूल हैं।
9. फिर Darood e Ibrahim पढ़े: –
“अल्लाहुम्मा सल्ली ‘अला मुहम्मदिन वा ‘अला अली मुहम्मदिन कमा सल्लैता’ अला इब्राहिमा वा ‘अला अली इब्राहिमा इन्नाका हमीदुम मजीद। अल्लाहुम्मा बारिक ‘अला मुहम्मदिन वा ‘अला अली मुहम्मदिन कमा बरक्ता ‘अला इब्राहिमा वा ‘अला अली इब्राहिमा इन्नाका हमीदुम मजीद।
“Allahumma salli ‘ala Muhammadin wa ‘ala aali Muhammadin kama sallaita ‘ala Ibrahima wa ‘ala aali Ibrahima innaka Hameedum Majeed. Allahumma barik ‘ala Muhammadin wa ‘ala aali Muhammadin kama barakta ‘ala Ibrahima wa ‘ala aali Ibrahima innaka Hameedum Majeed.”
Tarjuma:
“ऐ अल्लाह! रहमत नाज़िल फ़रमा हज़रत मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) पर और उनकी आल पर, जिस तरह से तूने हज़रत इब्राहीम ( अलैहिसलाम ) और उनकी आल पर रहमत नाज़िल फ़रमाई। यक़ीनन तू बड़ा तारीफ़ वाला और बुजुर्गी वाला है।
ऐ अल्लाह! बरकत नाज़िल फ़रमा हज़रत मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) पर और उनकी आल पर, जिस तरह से तूने हज़रत इब्राहीम ( अलैहिसलाम ) और उनकी आल पर बरकत नाज़िल फ़रमाई। बेशक, तू तारीफ़ वाला और बुज़ुर्ग है।”
10. फिर Dua-e-Masura पढ़े:
“अल्लाहुम्मा इन्नी असलुका मग़फिरतन व अफ़ियातन फ़िद्दुन्या वल आख़िर।”
“Allahumma inni as’aluka maghfiratan wa ‘afiyatan fiddunya wal akhirah.”
“हे अल्लाह! मैं तुझसे इस दुनिया और आखिरत में माफी मांगता हूँ।”
फिर सबसे पहले दाहिने (Right) ओर सलाम फेरते हुए कहे As-salaam alaikum rahmatullah ऐसे ही बहिने (Left) ओर सलाम फेरते हुए कहे As-salaam alaikum rahmatullah.
11. फिर Salam Ke Baad Ki Dua पढ़े:-
फिर आप अल्लाह से दुआ करे जो आपके दिल में हो अल्लाह से मांगे अल्लाह हम सबको 5 वक़्त की नमाज़ पढ़ने तौफीक दे (आमीन) |
इस तरह आपकी 2 रकअत नमाज़ फजर की फर्ज मुकम्मल हो गयी।
कुरान में अल्लाह ताला ने फजर की नमाज की अहमियत को बयान किया है। अल्लाह ने फरमाया:
أَقِمِ ٱلصَّلَوٰةَ لِدُلُوكِ ٱلشَّمْسِ إِلَىٰ غَسَقِ ٱلَّيْلِ وَقُرْءَانَ ٱلْفَجْرِ ۖ إِنَّ قُرْءَانَ ٱلْفَجْرِ كَانَ مَشْهُودًۭا
(Surah Al-Isra, 17:78)
Tarjuma: “सूरज के डूबने से लेकर रात के अंधेरे तक की नमाज़ यानी ज़ोहर, अस्र, मग़रिब, इशा कायम करो और सुबह की नमाज़ भी क्युकी सुबह की नमाज़ पर दिन और रात के फ़रिश्ते गवाही देते है “
इस से ये पता चलता है के फजर की नमाज़ की इबादत अल्लाह के नाज़दीक बुहत क़ीमती है और ये नमाज़ वही वक्त पर पढ़ने वालों की तरफ अल्लाह की नज़र रहती है।
अगर मुझसे कोई गलती हो गयी हो तो मुझे कमेंट में ज़रूर से बताये।
Fajr Namaz FAQ
फजर नमाज क्या है?
फजर नमाज सुबह की Pahli Namaz है जो सुबह के पहले रोशनी से पहले अदा की जाती है। इसका Waqt सूरज उगने से पहले का होता है।
फजर नमाज का वक्त क्या है?
Fajar Namaz Ka Waqt सुबह के फजर से ले कर सूरज उगने तक होता है। ये वक्त अलग-Alag मकामत पर थोड़ा बदल सकता है।
फजर नमाज कितनी रकअत है?
फजर नमाज 4 रकअत होती है 2 रकअत सुन्नत और 2 रकअत फर्ज होती है।
फजर नमाज की नियत कैसे करें?
फजर Namaz Ki Niayt दिल से करें। आप कह सकते हैं, “मैं फजर की 2 रकअत फर्ज नमाज अदा करने की नियत करता हूं।”
फजर नमाज की फजीलत क्या है?
फजर Namaz Ki Fazilat बहुत ज़्यादा है। इसका अदा करना Allah Ki Tarif से बरकत और हिदायत का ज़रिया है। ये नमाज़ दुनियावी मसाइल से बचने और नींद की कमी से निकलने में मददगार होती है।
फजर नमाज अदा करने के बाद क्या करना चाहिए?
Fajar Ki Namaz Ke Baad Dua, दुआ करना, कुरान की तिलावत करना, और अल्लाह की याद में वक्त गुजारने की कोशिश करनी चाहिए।
क्या फजर की नमाज अदा करने से पहले Wazu जरूरी है?
हां, फजर की नमाज अदा करने से पहले Wazu जरूरी है, क्योंकि नमाज के लिए तहारत की जरूरत होती है।
फजर नमाज के बाद दुआ कैसे करें?
फजर नमाज के बाद, अल्लाह से अपनी जरुरत और मकसद के लिए दुआ करें।
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