You are currently viewing Khane Ki Dua: खाना शुरू करने की दुआ और खाने के बाद की दुआ

Khane Ki Dua: खाना शुरू करने की दुआ और खाने के बाद की दुआ

Khana Khane Ki Dua in Hindi: खाना खाने की दुआ हिंदी में 

Dua: “अल्लाहुम्मा बारिक लाना फ़िही वा अर्ज़ुक्ना ख़ैरन मिन्हु”

Tarjuma: “या अल्लाह, इस खाने में बरकत दे और अगली बार इससे अच्छा खाना खिला।”

Khane Ki Dua in Roman English: “Allahumma barik lana fihi wa arzuqna khairan minhu”

Dua: “बिस्मिल्लाहि व अला बरकातिल्लाह”

Tarjuma: “अल्लाह के नाम से और उसकी बरकत पर खाना शुरू किया।”

Khana Khane Se Pehle Ki Dua: पढ़ना एक सुन्नत है और यह अल्लाह से बरकत माँगने का एक तरीका है।

इस दुआ के बिना खाना शुरू करना एक अहम सुन्नत को छोड़ने के बराबर होता है और शैतान आपके साथ खाना खाता है।

Khana Khane Ke Baad Ki Dua भी ज़रूर पढ़े। 

Reference : Riyad as-Salihin 727 / Reference : Sunan Ibn Majah 3322

Table of Contents

Khana Khane Ki Sunnat: खाना खाने की सुन्नतें

जो हमें हमारे प्यारे नबी (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) से मिली हैं

  • दाएं हाथ से खाना शुरू करें।
  • बिस्मिल्लाह पढ़कर खाना खाएं।
  • जब खाना खत्म हो जाए तो अल्हम्दुलिल्लाह कहें।
  • अपने प्लेट के सामने से खाना खाये प्लेट के बीच या दूसरी तरफ से नहीं। 

सुन्नतों को अपनाने से हमें अल्लाह की रहमत और बरकत मिलती है।

खाना खाने की दुआ क्यों ज़रूरी है। 

इस्लाम में Khane Ki Dua और खाने का अदब का बहुत ही मान्य दिया है। 

खाना सिर्फ शारीरिक भूख को मिटाने का साधन नहीं है, बल्कि यह एक नेमत (बख्शीश) है जिसे अल्लाह ने हमें दिया है। 

इसलिए, इसे सही तरीके से खाने की दुआ पढ़ना और सुन्नतों का पालन करना न केवल शारीरिक सेहत के लिए बल्कि अल्लाह की बरकत और रहमत ऐसी बनी रहे है।

इस दुआ से हमें हमारे खाने में बरकत मिलती है और शैतान को हमारे खाने में हिस्सा लेने से रोका जाता है। 

यह दुआ हमारे भोजन को हलाल और पाक बनाती है और हमें अल्लाह की बख्शीश का अहसास दिलाती है।

खाने के अदब की ज़रूरत क्यों है?

Khane Ke Adab: खाने के अदब हमें यह सिखाते हैं कि ये अल्लाह की नेमत है और हमें अल्लाह ताला की हर नेमतों का शुक्र अदा करना चाहिए ना की उनकी बेअब्दी । 

खाना हमेशा कम-कम खाना मुंह में डालें ताकि चबाने में आसानी हो और खाना जल्दी हजम हो सके। यह स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है।

Khane Ke Baad Ki Dua in Hindi: खाने के बाद की दुआ हिंदी में

Dua:- “अल-हम्दु लिल्लाहिल-लधि अतामाना वा सकाना वा जलाना मुस्लिमिन”

“Al-hamdu lillahil-ladhi at’amana wa saqana wa ja’alana Muslimin”

الْحَمْدُ لِلَّهِ الَّذِي أَطْعَمَنَا وَسَقَانَا وَجَعَلَنَا مُسْلِمِينَ

Tarjuma: “सब तारीफे अल्लाह के लिए है, जिसने हमें खिलाया, पिलाया और हमें मुसलमान बनाया.”

Reference:- ये Sunan Ibn Majah हदीस नंबर : 3283 में है।

Khana Khane Se Pehle Ki Dua ज़रूर से पढ़े।

Khane Ke Baad Ki Dua: खाना खाने के बाद दुआ पढ़ने की अहमियत इस्लाम में दुआ का मक़ाम बहुत ऊंचा है।

हर काम शुरू करने और ख़तम करने से पहले हमें अल्लाह का जितना हो शुक्र अदा करना चाहिए।

हमें खाना खाने के बाद दुआ क्यों पढ़नी चाहिए हदीस और सुन्नत से जानते है।

खाना इंसान की एक ज़रूरी चीज़ है, और इस ज़रूरत को पूरा करने के बाद अल्लाह का शुक्र अदा करना एक इबादत है।

खाना खाने के बाद दुआ पढ़ना सिर्फ एक अमल नहीं, बल्कि ये हमें अल्लाह की तरफ से मिले हुए बरकतों का एहसास दिलाता है।

हमारे नबी (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) हमेशा हमें हर काम में अल्लाह का जिक्र करने की तालीम देते है।

खाना खाने के बाद की दुआ, नबी (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की सुन्नत है।

दुआ को पढ़ने से हमें अपनी जिंदगी में अल्लाह की रहमत का एहसास होता है,

और ये अमल हमें उन लोगों में शामिल करता है जो अल्लाह की बरकत को समझते हैं।

प्यारे नबी (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने अपनी जिंदगी के हर हिस्से में अल्लाह का जिक्र किया, चाहे वो खाना खाने का अमल हो या कोई भी दूसरे काम का।

खाना खाने के बाद दुआ पढ़ना, रसूल अल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की एक अज़ीम सुन्नत है।

जब हम अपने रोज़ाना की जिंदगी में सुन्नत पर अमल करते हैं, तो हम अल्लाह की राह पर चल रहे होते हैं।

लफ़्ज़ों का मतलब और बयान इस दुआ का हर लफ़्ज़ अल्लाह की शान और उसके इनाम को बयान करता है।

हम इस दुआ में अल्लाह का शुक्र अदा करते हैं कि उसने हमें रिज्क दिया और हमने अपनी रजा में रखा।

ये दुआ सिर्फ खाना खाने का शुक्र नहीं बल्कि हमें अल्लाह की दी गई जिंदगी और हिदायत का एहसास भी दिलाती है।

Isse bhi Padhein: 7 Beautiful Short Dua in Hindi

Khane Ke Baad Ki Dua in Roman English

“Al-hamdu lillahil-ladhi at’amana wa saqana wa ja’alana Muslimin”

Khane Ke Baad Ki Dua in English

“All praise is for Allah, who fed us, gave us water and made us Muslims.”

Khane Ke Baad Ki Dua in Arabic

“الْحَمْدُ لِلَّهِ الَّذِي أَطْعَمَنَا وَسَقَانَا وَجَعَلَنَا مُسْلِمِينَ”

Khane Ke Baad Ki Dua in Urdu

“تمام تعریفیں اللہ کے لیے ہیں جس نے ہمیں کھلایا، پلایا اور ہمیں مسلمان بنایا۔”

Khana Khane Ke Baad Ki Dua रूहानी और जिस्मानी फ़ायदे

खाना खाने के बाद दुआ पढ़ने से ना सिर्फ रूहानी फ़ायदे होते हैं बल्कि ये इंसान के जिस्मानी सेहत पर भी असर पड़ता है।

जब इंसान दुआ के ज़रिये अल्लाह का शुक्र अदा करता है, तो उसके दिल में एक सुकून और बरकत आती है।

ये बरकत इंसान के जिस्म पर भी असर करती है और उसके रोज़ाना के अमल में हिदायत देती है।

खुदा का शुक्र अदा करना हर खाने में खुदा का शुक्र अदा करना इंसान के लिए जरूरी है।

खाना खाने के बाद की दुआ इस बात का इजहार है कि हम अपना रिज्क और जिंदगी का शुक्र अदा कर रहे हैं।

इस अमल से हम अपनी रूह को ताक़त और अपने दिल को ख़ुशी देते हैं।

कुदरत का तोहफा समझा खाना खुद एक कुदरत का तोहफा है, जो अल्लाह ने हमें बख्शा है।

जब हम खाना खाते हैं, तो हमें तोहफ़े का शुक्र अदा करना चाहिए। दुआ के ज़रिये हम इस क़ुदरती बरकत का इज़हार करते हैं और अल्लाह का एहसान मानते हैं।

Khana Khane Ke Baad Dua: कब और कैसे पढनी चाहिए?

खाना खाने के बाद दुआ पढ़ना चाहिए, चाहे आप घर में हों या सफर में।

हर जगह और हर वक़्त अल्लाह का ज़िक्र लाज़मी है। दुआ पढ़ते वक्त दिल से अल्लाह का शुक्र अदा करना चाहिए और ये समझना चाहिए के हर नेमत अल्लाह की तरफ से है।

चाहे आप होटल में हों या रास्ते में, खाना खाने के बाद दुआ पढ़ना जरूरी है।

सफर में भी हम अल्लाह के मोहताज हैं, इसलिए हर रिश्ते या खाने के बाद अल्लाह का शुक्र अदा करना हमेशा याद रखना चाहिए।

Khana Khane Ke Baad Ki Sunnat: खाना खाने के बाद की सुन्नत

खाना ख़त्म करने के बाद “अल्हम्दुलिल्लाह” कहना और दुआ पढ़ना सुन्नत है। ये अमल हमें अपनी जिंदगी में अल्लाह की नेमतों का एहसास दिलाता है।

खाना खाने के बाद दुआ पढ़ना एक बहुत अहम सुन्नत है। इस अमल से हमें अल्लाह की रहमत और उसके इनाम का एहसास होता है।

दुआ सिर्फ अल्लाह का शुक्र अदा करने का तरीका नहीं, बल्कि ये हमारी रूह और जिस्म दोनों के लिए बरकत है।

हमेशा खाना ख़त्म करने के बाद दुआ पढ़ना याद रखें, क्योंकि ये अमल हमें अल्लाह की राह में रखता है।

खाना खाने और खाने के बाद की दुआ – FAQ

खाना खाने के बाद दुआ का लफ्ज क्या है?

“अल्हम्दुलिल्लाह अल्लाज़ी आत्माना वज़ालाना मुस्लिमीन” इस्का लफ़्ज़ है।

खाना खाने से पहले कौन सी दुआ पढ़ी जाती है?

खाने से पहले “बिस्मिल्लाह” पढ़ी जाती है।

खाने की सुन्नतें क्या हैं?

खाने की सुन्नतें हैं: बिस्मिल्लाह कहना, दाएं हाथ से खाना, और खाना खत्म होने पर अल्लाह का शुक्रिया अदा करना।

खाना खाने के दौरान किस बात का ध्यान रखना चाहिए?

खाने के दौरान साफ-सफाई, छोटी मात्रा में खाना, और धैर्यपूर्वक चबाने का ध्यान रखना चाहिए।

क्या खाना खाने और खाने के बाद की दुआ पढ़ना सुन्नत है?

हां, खाना खाने और खाने के बाद की दुआ पढ़ना सुन्नत-ए-नबवी है।

Md Ibrahim

Meri website ka asli maksad islami ilm ko aasan andaz me pesh karna taaki har shaqs ise samajh kar apani zandgi me amal kar sake. Mene kai post likhe hai Jin me Dua, Namaz, or Surah aham hai. NamazOrDua.com par mera maksad aap sab ko islamic, Quran or Hadess, or Sunnat tariko ka sahi ilm ya jankari dena. Mera yaqeen hai ki sahi ilm or jankari hame iman or nek raasto par chalne me madad karta hai.

Leave a Reply