इस ब्लॉग में हम 7 Short Dua in Hindi बताएँगे। यहाँ पर हम इन दुआओं को Hindi, English, Arabic, Roman English में भी लिखेंगे ताकि हर कोई इन्हें आसानी से समझ सके और याद कर सके। दुआ एक ऐसी Taqat है जो हमें न केवल Allah से जोड़ती है, बल्कि hamari रोज़मर्रा की zindagi को बेहतर बनाने का ज़रिया भी बनती है। Agar आपको और ऐसी ही दुआ इन हिंदी में पढ़ना चाहते है तो आप हमारी Website पर पढ़ सकते है।
Table of Contents
हर रोज़ पढ़ी जाने वाली 7 Short Dua in Hindi
1. Sokar Uthne Ki Dua: सुबह उठने की दुआ

“الْحَمْدُ لِلَّهِ الَّذِي أَحْيَانَا بَعْدَ مَا أَمَاتَنَا، وَإِلَيْهِ النُّشُورُ”
“अल-हम्दु लिल-लाहिल-लदी अहयाना बादा मा अमाताना; वा इलैहि अन-नुशूर”
“Al-hamdu lil-lahil-ladhi ahyana ba’da ma amatana; wa ilaihi an-nushur”
“सारी तारीफें अल्लाह के लिए हैं जिसने हमें मरने (सोने) के बाद जिंदगी दी और उसी की तरफ हमें लौटकर जाना है।”
फज़ीलत: इस सुबह Sokar Uthne Ki Dua को पढ़ने से इंसान अल्लाह का शुक्रगुज़ार बनता है। सोचिये Har Roz आप ये दुआ पढ़ कर उठते हो और आपकी आदत में हो जब आपको Akhirat में उठाया जायेगा तो आप इस दुआ को Padhte हुए और अल्लाह का शुक्रिया करते हुए Uthenge क्या पता अल्लाह को आपकी ये Ada पसंद आ जाये।
2. Ghar Se Bahar Nikalne Ki Dua in Hindi: घर से बाहर निकलने की दुआ

“بِسْمِ اللَّهِ تَوَكَّلْتُ عَلَى اللَّهِ وَلَا حَوْلَ وَلَا قُوَّةَ إِلَّا بِاللَّهِ”
“Bismillahi tawakkaltu ‘alallah wa la hawla wa la quwwata illa billah.”
“बिस्मिल्लाहि तवक्कलतु अल्लाल्लाह वा ला हवला वा ला कुव्वाता इल्ला बिल्लाह।”
“अल्लाह के नाम से, मैंने अल्लाह पर भरोसा किया और अल्लाह के सिवा किसी में ताकत जो हालत को टाल सके।
फज़ीलत: यह दुआ पढ़ने से Allah Ki Hifajat में इंसान घर से बाहर निकलता है। हदीस Riyad as-Salihin 83 में लिखा है जब भी अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम घर से बहार जाते थे तो ये दुआ पढ़ते थे। इस दुआ से Shaitan दूर रहते है।
3. Khana Shuru Karne Ki Dua: खाने की शुरुआत की दुआ

“اللَّهُمَّ بَارِكْ لَنَا فِيمَا رَزَقْتَنَا وَقِنَا عَذَابَ النَّارِ”
“अल्लाहुम्मा बारिक लाना फ़िमा रज़क़्ताना वा किना अज़बान नार।”
“Allahumma barik lana fima razaqtana wa qina azaban naar.”
या अल्लाह! हमें हमारे रिज़्क में बरकत अता फरमा और हमें जहन्नम के अज़ाब से बचा।
फज़ीलत: यह Khana Khane Ki Dua barakt और सेहत के लिए है।
4. Wazu Ke Baad Ki Dua: वुजू के बाद की दुआ

“أَشْهَدُ أَنْ لَا إِلَٰهَ إِلَّا اللَّهُ وَأَشْهَدُ أَنَّ مُحَمَّدًا عَبْدُهُ وَرَسُولُهُ”
“”अशहदु अल्ला इलाहा इल्लल्लाह वा अशहदु अन्ना मुहम्मदन अब्दुहु वा रसूलुह।””
“Ashhadu alla ilaha illallah wa ashhadu anna muhammadan abduhu wa rasuluh.”
“मैं गवाही देता हूँ कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं और मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम उसके बंदे और रसूल हैं।”
फज़ीलत: यह दुआ पढ़ने से अल्लाह से बख्शिश और Rahmat मिलती है। अगर Aapko वज़ू का तरीका नहीं पता तो आप हमारा ये वाला ब्लॉग पढ़ सकते है Wazu Ka Tarika Step By Step बताया गया है आप आसानी से सीख़ जायेंगे।
5. Sone Se Pahle Dua: सोने से पहले की दुआ

“بِاسْمِكَ اللَّهُمَّ أَمُوتُ وَأَحْيَا”
“बिस्मिका अल्लाहुम्मा अमुतु वा अहया”
“Bismika Allahumma amutu wa ahya.”
“तेरे नाम से, ऐ अल्लाह! मैं मरता और जीता हूँ।”
फज़ीलत: सोने से पहले यह दुआ पढ़ने से अल्लाह की हिफाज़त में Raat गुज़रती है। और आप Sone Se Pahle क्या क्या करना चाहिए और कौन-कौन सी दुआएं पढ़ कर सोना Chahiye नहीं पता तो आप हमारा ये ब्लॉग ( Sone Ki Dua in Hindi ) पढ़ सकते है Jisme मैंने बारीकी से सब समझाया और बताया है।
6. Bimari Me Shifa Ki Dua: बीमारी से शिफा की दुआ

“اللَّهُمَّ رَبَّ النَّاسِ أَذْهِبِ الْبَأْسَ اشْفِ أَنْتَ الشَّافِي لَا شِفَاءَ إِلَّا شِفَاؤُكَ شِفَاءً لَا يُغَادِرُ سَقَمًا”
“अज़हिबिल-बस, रब्बन-नस, वशफ़ी अंतश-शफ़ी, ला शिफ़ा’आ इल्ला शिफ़ा’उका शिफ़ा’अन ला युगादिरु सकामा”
“Adhhibil-bas, Rabban-nas, washfi Antash-Shafi, la shifa’a illa shifa’uka shifa’an la yughadiru saqama”
हे अल्लाह! लोगों के रब! तकलीफ़ को दूर कर, तू ही शिफ़ा देने वाला है।
फज़ीलत: यह दुआ पढ़ने से Bimari में राहत मिलती है। हदीस Sunan Ibn Majah 3520 में आता है की “जब अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) किसी Bimar व्यक्ति के पास आते, तो Uske लिए दुआ करते और ये दुआ पढ़ते”
7. Safar Ki Dua: सफर की दुआ

“سُبْحَانَ الَّذِي سَخَّرَ لَنَا هَذَا وَمَا كُنَّا لَهُ مُقْرِنِينَ وَإِنَّا إِلَى رَبِّنَا لَمُنْقَلِبُونَ”
“पाक है वो जात जिसने इस सवारी को हमारे काबू में कर दिया न तो हम बिलकुल कदीर न थे इस पर ।”
“Subhanal-ladhi sakh-khara lana hadha, wa ma kunna lahu muqrinin, wa inna ila Rabbina lamunqalibun.”
फज़ीलत: यह दुआ Safar की आसानी और सलामती के लिए Padhi जाती है। हदीस Riyad as-Salihin 972 में जब भी अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) यात्रा पर निकलने के लिए अपने ऊँट पर बैठते थे, तो वह 3 बार कहते थे: “Allahu Akbar” फिर ये दुआ पढ़ते थे।
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